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  • Rang Ajay – Raigarh Theatre Festival 2023

    The Annual theatre festival of IPTA Raigarh was renamed to ‘Rang Ajay’ as a tribute to Shri Ajay Athaley. The 2023 edition of this festival will take place from 11th to 15th January 2023. The program is as follows: 11th / Asmanjas Babu Ki Atmakatha / IPTA Raigarh12th / Sankraman / IPTA Raigarh13th / Andhere Me / Agraj Natya Dal, Bilaspur14th / Aap Kaun Cheez Ke Director Hain / IPTA Bhilai15th / Jaamun Ka Ped / IPTA Bilaspur Venue: Polytechnic Auditorium, RaigarhTime: 7pm Everyday If you would like to donate to us, please click here

नाटक: इनामदार

अण्णाभाऊ साठे का यह पूर्णकालिक नाटक है। इसे सबसे पहले इप्टा के भूतपूर्व अध्यक्ष ए.के.हंगल की पहल पर मुंबई इप्टा ने 1957 में हिंदी में प्रस्तुत किया था। इसके कुछ मंचन भी हुए थे। हंगल साहब ने इसमें इनामदार की मुख्य भूमिका निभाई थी। बाद में यह नाटक मराठी में

दो ग़ैर-मामूली शख़्सियतें : अमर शेख और अन्नाभाऊ साठे

अमर शेख़ ‘इप्टा’ के मराठी मंच की एक स्टार शख़्सियत थे और ‘वन-मैन शो’ में यकीन रखते थे। उनके गीत सुनकर लोग मंत्रमुग्ध से रह जाते थे। एक दिन उन्होंने हमारा एक ‘वन-एॅक्ट प्ले’ देखा ‘सूरज’ – जिसमें मैंने भी काम किया था। उन्हें यह नाटक इतना अच्छा लगा कि

शांति और जन-नाट्य

अण्णाभाऊ साठे यह लेख 11 मई 1951 को मुंबई के सुंदराबाई हॉल में अखिल भारतीय शांति एवं एकता संगठन का प्रथम सम्मेलन सम्पन्न हुआ था। अण्णाभाऊ साठे ने यह लेख संभवतः इसी सम्मेलन के लिए लिखा था। ‘शांति, जनगण/लोक और नाटक’ – इनका त्रिवेणी प्रवाह या संगम पिछले अनेक शतकों

कहानी: मरी आई की गाडी

अण्णाभाऊ साठे भारतीय समाज में देवी-देवताओं, पारम्परिक रूढ़ि-विश्वासों की बहुतायत है। अधिकांश लोग इससे ग्रस्त होते हैं। यहाँ तक कि आधुनिक शिक्षाप्राप्त लोग भी इससे अछूते नहीं रह पाते। अण्णाभाऊ साठे का विवेकवादी मस्तिष्क इस तरह के अंधविश्वासों का पुरज़ोर विरोध करता है। वे अपनी रचनाओं में इस तरह का

नाटक: अक्कल बड़ी या भैंस

अण्णाभाऊ साठे यह नाटक महाराष्ट्र की लोकबोली में लिखा गया है अतः जिस क्षेत्र का नाट्य दल इसका मंचन करना चाहे, वह अपने-अपने क्षेत्र की बोलियों का प्रयोग कर सकता है। – अनुवादक

जाल

अण्णाभाऊ साठे यह वर्ष अण्णाभाऊ साठे का जन्म शताब्दी वर्ष है। अण्णाभाऊ साठे न केवल एक मार्क्सवादी कार्यकर्ता थे, बल्कि एक प्रभावशाली लोककलाकार, संगठक और साहित्यकार भी थे। उन्होंने अपने बचपन से ही जातिगत ऊँच-नीच और आर्थिक-सामाजिक विषमता को बहुत गहराई से देखा और भोगा था। वे एक ऐसे मार्क्सवादी

National Theatre Festival

90 years of Independence struggle through Light, Sound and Dance

The fourth and last day of the 26th edition of the festival witnessed a light and sound oriented play ‘Mangal se Mahatma’. Directed by Sunil Chipde and presented by Agraj Natya Dal, Bilaspur, this play was conceptualised by Dr. Rajesh Tandon. The story begins with the sepoy mutiny of 1857,

लाइट एंड साउंड शो “मंगल से महात्मा” ने प्रस्तुत किया आजादी का सफरनामा

26 वे राष्ट्रीय नाट्य समारोह की चौथी संध्या पर पॉलीटेक्निक ऑडिटोरियम में अग्रज नाट्य दल बिलासपुर ने लाइट एंड साउंड शो “मंगल से महात्मा” का मंचन किया। नाट्य समारोह का खास आकर्षण रहे इस लाइट एंड साउंड शो ने दर्शको को खूब रोमांचित किया। मंगल से महात्मा में भारत के

Struggles of living under the shadow

Mahatma Gandhi’s contributions to India’s foundational principles are underlined time and again. The story of how he formulated these, and the lesser-known ones, is much more intriguing. Fondly known as the Father of the Nation, he was also a father to four sons – Harilal, Ramdas, Manilal and Devdas. The

गांधी विरुद्ध गांधी

26 वे राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तीसरे दिन रंगरूपिया थिएटर इंदौर ने नाटक “गांधी विरुद्ध गांधी” का मंचन किया। इस नाटक में गांधी और उनके बड़े बेटे हरिलाल के मतभेद प्रस्तुत किये गए है। नाटक की कहानी हरिलाल और गांधी के इर्द गिर्द घूमती है। ये बात सर्वमान्य है की

षड्यंत्रकारियों के बहाने गांधी जी का चिंतन

ललित सहगल के नाटक में षड्यंत्रकारियों के बहाने गांधी जी का चिंतन, जीवन – शैली और उस विचार को अभिव्यक्त किया गया है। जिसमें दोनों पक्षों की जिरह हमें सोचने – विचारने को मजबूर करती है। आपको बताते चलें कि इसमें चार षड्यंत्रकारियों में से एक की असहमति गांधी जी

An ideology lives on

The mention of Mahatma Gandhi invokes various emotions, some agree with him, some despise him. Most of us are either indifferent or tend to believe that his principle were noble, but no longer applicable in the contemporary discourse. Second day of the theatre festival witnessed a courtroom drama, Hatya Ek

मोहनदास गांधी हाज़िर हो

गांधी की हत्या करने जा रहे चार लोगो में एक इसे लेकर आशंकित है की गांधी को मारा जाए या नही। शंकित युवक को तैयार करने अदालत बैठाई जाती है और उसे गांधी का पक्ष रखने को कहा जाता है। गांधी का पक्ष रखने वाला व्यक्ति गांधी की भूमिका में

My first theater, and I am completely hooked on to this

I am never giving up my chance to watch a live theater again. Unlike the regular audience, I got my seat on the floor, up close to the stage and I didn’t miss a moment. Time flew and I haven’t seen anything so mesmerising. This was no new to me.

Theatre Award

Poonam Tiwari ‘Virat’ honoured with 11th Sharadchandra Vairagkar Award

Smt. Poonam Tiwari Virat was conferred upon with the 11th Sharadchandra Vairagkar Memorial Award for Excellence in Theatre. This is awarded to one theatre person each year whose contribution to the field of theatre is unparalleled. Smt Poonam Tiwari was awarded a sum of Rs. 21,000 along with a memento

गायिका एवं अभिनेत्री पूनम तिवारी विराट को ग्यारहवाँ शरदचंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान

इप्टा रायगढ़ पिछले वर्ष से छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और निरंतर रंग-साधना में डूबे हुए रंगकर्मियों को शरदचंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान प्रदान कर रही है। यह सम्मान प्रति वर्ष हिंदी रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसी भी रंगकर्मी को दिया जाता है। इस वर्ष यह सम्मान राजनाँदगाँव

ग्यारहवाँ शरदचंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोक कलाकार पूनम तिवारी विराट को

इप्टा रायगढ़ सन् 2010 से शरदचंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान प्रदान करती आ रही है। यह सम्मान प्रति वर्ष हिंदी रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसी भी रंगकर्मी को दिया जाता है। इस वर्ष यह सम्मान राजनाँदगाँव निवासी छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार श्रीमती पूनम तिवारी ‘विराट’ को दिया

MirzaMasood2019

Mirza Masood – Rang Yatra

Here is a small video we made on Shri Mirza Masood’s lifelong creative journey.

Latest

रंग अजय – रायगढ़ नाट्य समारोह

इप्टा रायगढ़ के राष्ट्रीय नाट्य समारोह का नाम इस अंक से ‘रंग अजय – रायगढ़ नाट्य समारोह’ होगा. समारोह अजय आठले की स्मृति में आयोजित होगा. इस साल का समारोह कोरोना महामारी के कारण वर्चुअल आयोजित किया जाएगा. नाट्य समारोह हमारे यूट्यूब चैनल और हर्ष चैनल के लाइव चैनल १

स्मृतियों के झरोखे में अजय भैया

“जाना” यह शब्द जब क्रिया की तरह प्रयोग में आता है तो हमेशा दिल ही तोड़ता है. हम सब का दिल टूटा है, बहुत उदास हैं.  जब आप किसी को जानने की क्रिया में होते हैं तो निश्चित ही यह एक ऐसी यात्रा होती है जिसमें आप बहुत कुछ नया

आपके साथ हंसने की प्रतीक्षा में हम सब

समय की रफ़्तार में मशगूल इंसान अपनी रौ में बह रहा है, उस बहाव में जीवन जीने की ललक, कुछ कर गुज़रने का भाव और ज़िंदादिल बने रहने की कोशिश शामिल है. जब हम थोड़ा पीछे मुड़कर उन पलों को याद करते हैं जो हमारे लिए बहुमूल्य पलों के रूप

मेरा सबसे अच्छा और सच्चा दोस्त है रंगमंच : नादिरा बब्बर

नादिरा बब्बर से निर्मला डोसी की बातचीत सन् 2005 में उनके अब्बा सज्जाद ज़हीर साहब की जन्म शताब्दी पर तीन दिन का भव्य कार्यक्रम किया गया था। दूर-दूर से प्रबुद्ध लोग जुटे थे। कार्यक्रम का समापन ‘रोशनाई’ नाट्य-प्रस्तुति से हुआ जो नादिरा जी की तरफ से अपने मरहूम अब्बा को

दिल से पूर्णकालिक रंगकर्मी हूँः सुचेता मुखर्जी

श्रीमती सोनाली चक्रवर्ती की बातचीत श्रीमती सुचिता मुखर्जी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की उन गिनी-चुनी महिला रंगकर्मियों में से एक हैं, जो अनवरत विगत तीन दशकों से भी ज़्यादा रंगमंच पर बतौर प्रतिबद्ध षौकिया रंगकर्मी अपना उल्लेखनीय योगदान देती आ रही हैं। वे उन विशिष्ट रंगकर्मियों में से हैं, जो उम्र के पाँच

सीमा भार्गव : अभिनय उनकी रगों में लहू के साथ दौड़ता है

सीमा भार्गव से निर्मला डोसी की बातचीत चौदह जुलाई 2013 की एक यादगार शाम थी। मुंबई महानगर की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘चौपाल’ की मासिक बैठक उस दिन कविता गुप्ता के घर थी। घर की छत पर रसोई का सारा पसारा फैलाए चूल्हे के पीछे बैठी थी वो, और सामने चटाइयों पर

उषा गांगुली : रंगकर्म के एक स्कूल का नाम है

उषा गांगुली से निर्मला डोसी की बातचीत । रंगकर्म 2015 मे प्रकाशित पाँच बजे उनसे मिलना तय हुआ था। मैं पौने पाँच पर ही उनके स्टुडियो पहुँच चुकी थी। सीढ़ियाँ चढ़ते हुए थोड़ी आशंकित थी। ‘समावर्तन’ के रंगशीर्ष स्तम्भ के लिए विस्तार से बात करनी ज़रूरी थी। न जाने वे

Samvaad // World Theatre Day 2020 // In conversation with Sushama Deshpande

On the Occassion of World Theatre Day, we present to you the inaugural episode of our new series – Samvaad. The series aims to bring several pioneers of their field and discuss how they approach their work and art. In this episode, renowned thespian, actor, writer – Sushama Deshpande talks

Rangkarm

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“जाना” यह शब्द जब क्रिया की तरह प्रयोग में आता है तो हमेशा दिल ही तोड़ता है. हम सब का दिल टूटा है, बहुत उदास हैं.  जब आप किसी को जानने की क्रिया में होते हैं तो निश्चित ही यह एक ऐसी यात्रा होती है जिसमें आप बहुत कुछ नया

आपके साथ हंसने की प्रतीक्षा में हम सब

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Rangkarm 2019 to feature 7 Hindi scripts

The 16th edition of IPTA Raigarh’s annual magazine – Rangkarm – will carry seven scripts of Hindi plays by two of IPTA’s own playwrights – Vijay Gupt and Sharif Ahmed. This edition will carry five scripts of plays for Children written by Vijay Gupt. The plays include ‘Udaku veer’, ‘Naya

रंगकर्म 2018

Presenting IPTA Raigarh’s annual magazine’s cover page – ‘Rangkarm’ The magazine will be available at IPTA’s Platinum Jubilee Celebrations at Patna, Bihar from October 27th till October 31st 2018. This edition contains six scripts which are aimed at facilitating dialogues on issues ranging from caste, communalism, peace, corruption, bigotry and

बाल रंगमंच में बहुत सारी संभावनाएँ हैंः रेखा जैन

रेखा जैन इप्टा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। बाद में दिल्ली आने के बाद उन्होंने बच्चों के साथ काम करते हुए बालकलाकारों की नाट्यसंस्था ‘उमंग’ की स्थापना की। वे स्वयं ही बच्चों के लिए नाटक लिखती, गीत लिखती थीं। निर्देशन के अतिरिक्त रंगमंच की सभी तैयारियों पर उनकी

एक नाटक करने से समाज नहीं बदल जाता

जुगलकिशोर से दिनेश चौधरी की बातचीत इप्टा लखनऊ के वरिष्ठ साथी जुगलकिशोर भी जितेन्द्र रघुवंशी की तरह ही सबको भौंचक छोड़कर हमारे बीच से चले गये। जून 2015 में लखनऊ में इप्टा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए छत्तीसगढ़ इप्टा से दिनेश चौधरी, राजेश श्रीवास्तव, मणिमय मुखर्जी, सुचिता मुखर्जी, अजय

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इप्टा का दसवाँ शरदचंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान मिर्ज़ा मसूद को

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Shri Sitaram Singh receives 9th Sharadchandra Vairagkar Award

IPTA Raigarh’s 24th National Theatre Festival brings fresh faces into its fold

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नाचा- गम्मत के रूप में दिखे मुक्तिबोध और परसाई

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सामुहिकता के मायने

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Bansi Kaul – A Journey

Trailer – 23rd Festival

इप्टा रायगढ़ का तेईसवाँ नाट्योत्सव 25 से 30 दिसम्बर तक

© IPTA Raigarh, Center for Cultural Resources and Training 2020