Reviews (Page 2)

मेरी तन्हाई को दूर करने मैंने ढूंढा एक सहारा मेरे गुस्ताखी से लेकिन उलझ गया नजारा न चाहा था मैंने दिल दुखाना आपका बस किसी से तन्हाई के पल था बाटना इंसान अपने आस पास की भीड़ में भी कभी कभी बहुत अकेला होता है और वो अपना अकेलापन दूरContinue Reading

गंभीर विषय को सरलता के साथ एक सशक्त उदाहरण के साथ लिखा हुआ नाटक, विषय की गंभीरता को सरल हम तभी बना सकते है जब हम उसे उतनी ही गंभीरता से समझे, और बात जब समझ में आ जाती है तब आसान हो जाता है उसे सरलता से दूसरों कोContinue Reading

नाटक कसाई बाड़ा , की प्रस्तुति को एक सम सामायिक घटनाओ पर आधारित नाटक कह सकते है , जहा पर वही सब कुछ हो रहा है जो हमारे आस पास हो रहा है , नाटक के माध्यम से एक आवाज़ सुनाई देती है , की , उठो और जागो नहींContinue Reading